डाॅ. रजा की कामयाबी को देखते हुए भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद ने उन्हें 94 लाख रुपये का प्रतिष्ठित अनुसंधान अनुदान प्रदान किया है। डॉ. रजा को स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा लगातार तीन वर्षों तक दुनिया के शीर्ष दो प्रतिशत वैज्ञानिकों में से एक वैज्ञानिक के रूप में चुना गया है। यह अत्यधिक प्रतिस्पर्धी अनुदान डॉ. रजा और उनकी टीम को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस निर्देशित दवा डिजाइन के लिए अत्याधुनिक उपकरण विकसित करने में मदद करेगा।
डॉ. रजा द्वारा पहले से ही पेटेंट किए गए एक ऐसे ही आशाजनक दवा यौगिक पर अब और अधिक रिसर्च की जाएगी। यह शोध स्तन कैंसर के उपचार में महत्वपूर्ण चुनौतियों को संबोधित करता है। इससे ऐसे परिवर्तनकारी परिणाम मिलने की आशा है जो वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य सेवा प्रथाओं को प्रभावित कर सकते हैं।
जामिया मिलिया इस्लामिया के कुलपति प्रो. मजहर आसिफ का कहना है कि यह जामिया मिलिया इस्लामिया के लिए बहुत गर्व का क्षण है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद द्वारा डॉ. रजा को दिया गया अनुदान अनुसंधान उत्कृष्टता और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।
डॉ. रजा ने कहा कि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद से यह अनुदान प्राप्त करके मैं बहुत सम्मानित महसूस कर रहा हूं। यह लाखों लोगों के लिए बेहतर स्वास्थ्य परिणामों में योगदान करने का एक शानदार अवसर है। तीन वर्ष की यह फंडिंग उन्नत प्रयोग की सुविधा प्रदान करेगी। इससे स्तन कैंसर के उपचार के लिए अभिनव समाधानों के विकास में गति आएगी।
जामिया विश्वविद्यालय के मुताबिक डॉ. खालिद रजा स्वास्थ्य सेवा में कृत्रिम बुद्धिमत्ता के अनुप्रयोग में एक प्रतिष्ठित शोधकर्ता हैं। वह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित मल्टी टारगेट डॉकिंग, चिकित्सा के माध्यम से दवा यौगिकों को डिजाइन और अनुकूलित करने पर ध्यान केंद्रित करते हैं। उनके कार्य ने कैंसर सहित जटिल बीमारियों के उपचार को काफी उन्नत किया है।