इसका मुख्य उद्देश्य राज्य को प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले जोखिम को कम करना है। इस दौरान मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा और अतिरिक्त सचिव एवं परियोजना निदेशक निशांत ठाकुर मौजूद रहे।
इस अवसर पर अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश प्राकृतिक आपदाओं से लगातार ग्रस्त हो रहा है। ऐसे में आपदा प्रबंधन को सुदृढ़ करने के मकसद से फ्रांस की डेवलपमेंट एजेंसी के साथ 900 करोड़ का एमओयू साइन हुआ है।
उन्होंने कहा कि परियोजना के तहत प्राकृतिक आपदाओं के लिए प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली, बाढ़ पूर्वानुमान में सुधार और कृषि के लिए जलवायु सहायता प्रदान करना और व्यापक आपदा प्रतिक्रिया प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन होगा। इसमें जैव इंजीनियरिंग नर्सरियों की स्थापना शामिल है। पांच साल में परियोजना को पूरा किया जाएगा।
ओंकार शर्मा के अनुसार यह परियोजना हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एचपीएसडीएमए) की क्षमता को सुदृढ़ करने के लिए महत्वपूर्ण है। इसके द्वारा राज्य के जलवायु परिवर्तन से प्रभावित क्षेत्रों की पहचान करने में मदद मिलेगी।
इस प्रकार यह परियोजना राज्य को आपदा-रोधी बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी, जिससे राज्य में आपदाओं से बचाव और राहत कार्यों को अधिक प्रभावी तरीके से संचालित किया जा सकेगा।