उन्होंने से बातचीत में कहा कि इस बात को खारिज नहीं किया जा सकता है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में बुलाई गई भारत जोड़ो यात्रा के दौरान इंडिया गठबंधन में एक सकारात्मकता का माहौल पैदा हुआ था। लेकिन यहां मैं एक बार फिर से इस बात पर जोर देना चाहूंगा कि अगर कहीं किसी भी प्रकार का मतभेद पाया गया, तो हम उसका समाधान तलाशने की दिशा में अपनी तरफ से भरसक प्रयास करेंगे।
दरअसल, ने रमेश बाबू से पूछा था कि लोकसभा चुनाव के संपन्न होने के बाद अभी तक इंडिया गठबंधन के नेतृत्व में एक भी बैठक नहीं की गई है। जिसे लेकर कई राजनीतिक दलों के नेताओं का कहना है कि कांग्रेस की निष्क्रियता की वजह से ही इंडिया गठबंधन अब खत्म होने के कगार पर आ चुकी है।
इसी सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि अगर घटक दलों के बीच किसी भी प्रकार का मतभेद हुआ, तो उसे हम एक साथ बैठक दूर करेंगे।
इसके अलावा, उन्होंने कहा कि देश के संविधान के अनुसार, हिंदी केवल राजभाषा है, न कि राष्ट्रभाषा, जैसा कि बीजेपी द्वारा प्रचारित किया जा रहा है। पार्टी ने संविधान के निर्माताओं की मंशा का सम्मान करते हुए क्षेत्रीय भाषाओं और अंग्रेजी की महत्ता को भी स्वीकार किया। कांग्रेस ने इस बात पर जोर दिया कि हिंदी को राजभाषा के रूप में बढ़ावा देने की कोशिशों को संविधान के अनुरूप ही किया जाना चाहिए।