उन्होंने से बातचीत के दौरान सवाल उठाते हुए कहा, "अगर नक्सलवादियों ने सरकार के सामने समर्पण किया है तो फिर उनके सामने शर्तें क्यों रखी जा रही हैं? यह तो सरकार को नक्सलवादियों से पूछना चाहिए ।"
इसके अलावा, सी.टी. रवि ने आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलवादियों के शस्त्रों और अस्त्रों का मुद्दा उठाया। उन्होंने पूछा, "अगर नक्सलवादियों ने आत्मसमर्पण किया है, तो उनके पास जो शस्त्र और अस्त्र हैं, वह कहां हैं? कितने शस्त्र हैं और सरकार उन्हें कब जब्त करेगी?"
सी.टी. रवि ने डी.के. शिवराम के डिनर पार्टी मामले पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा, "कर्नाटक में सिलसिलेवार हत्याएं हो रही हैं, और सरकार डिनर पार्टी कर रही है। सिद्धारमैया के बाद अब कौन मुख्यमंत्री बनेगा, इस पर चर्चा हो रही है। यह कैसी सरकार है?"
उन्होंने कहा कि सरकार ने नक्सलियों के बारे में कोई शर्त नहीं रखी है, यह माना जा सकता है कि नक्सली पूरी तरह से आत्मसमर्पण नहीं किए हैं। सरकार ने उन्हें शरण दी है, ऐसा लगता है, लेकिन अभी तक नक्सलियों के पास से कितने हथियार जब्त किए गए हैं या कितनी बड़ी कार्रवाई की गई है, इसकी पूरी जानकारी नहीं है। नक्सलियों द्वारा किए गए अपराधों की जानकारी मिल पाई है या नहीं, यह अभी तक स्पष्ट नहीं हुआ है।
उन्होंने मातृत्व मृत्यु दर का भी मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि छह महीने में लगभग 600 से अधिक मातृत्व मृत्यु हो चुकी हैं और बच्चों की मृत्यु भी लगभग 500 से अधिक हुई है।
इसके अलावा उन्होंने किसानों का भी मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि 2018 में लगभग 1800 किसानों ने आत्महत्या की थी। क्या इस गंभीर मामले की पूरी जांच की गई है? या फिर केवल डिनर पॉलिटिक्स हो रही है?