भट्टाचार्य ने आरोप लगाया कि रघुवर दास राज्यपाल के संवैधानिक पद पर बिठाए गए थे, लेकिन उन्होंने भाजपा के कार्यकर्ता के रूप में काम किया। यह बात भाजपा के मंच से ही कही गई। राज्यपाल की नियुक्ति राष्ट्रपति करते हैं, जिनके जिम्मे संविधान की रक्षा का दायित्व होता है। ऐसे में कोई व्यक्ति राज्यपाल के पद पर रहकर भी भाजपा का कार्यकर्ता रहे तो यह चिंता का विषय है।
झामुमो नेता ने कहा कि झारखंड में भाजपा के पास पांच पूर्व मुख्यमंत्री हैं। इनमें तीन पूर्व मुख्यमंत्री कोल्हान इलाके से आते हैं। आज रघुवर दास के भाजपा में सदस्यता ग्रहण के समारोह में कोल्हान से आने वाले तीन पूर्व मुख्यमंत्री गैरहाजिर रहे। इसकी वजह क्या है, यह तो भाजपा के लोग ही जानें। सच्चाई तो यह है कि झारखंड में भाजपा डरी-सहमी और हतोत्साहित है। लोगों का विश्वास खोने के बाद कोई भी राजनीतिक पार्टी जमीन पर खड़ी नहीं रहती।
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि रघुवर दास आज के कार्यक्रम में राज्य सरकार को पांच महीने तक सहयोग करने और इसके बाद टकराने की बात कह रहे थे, लेकिन हकीकत तो यह है कि अब यहां भाजपा टकराहट के लायक बची ही नहीं है। जनता ने उन्हें उस काबिल छोड़ा ही नहीं है। झामुमो नेता ने कहा कि अब लोगों के हर प्रकार के उपचार का दायित्व हमलोगों ने ले लिया है।
झारखंड भाजपा के अंदर अनिर्णय और ऊहापोह की स्थिति बताते हुए झामुमो नेता ने कहा कि वे अपने विधायक दल का नेता तक नहीं तय कर पा रहे हैं। एक तरफ सीपी सिंह इस पद के लिए आस लगाकर बैठे हैं तो दूसरी तरफ बाबूलाल मरांडी। आज सुप्रीम कोर्ट को उन्हें बताना पड़ रहा है कि आपको झारखंड में अपना विधायक दल का नेता तय करना होगा।