
हर्ष संघवी ने कहा कि गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने इस दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए यूसीसी लागू करने के लिए एक समिति का गठन किया है। इस समिति का अध्यक्ष सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जस्टिस रंजना बेन देसाई को नियुक्त किया गया है। उनके साथ समिति में चार अन्य सदस्य शामिल होंगे, जिनमें पूर्व आईएएस अधिकारी, पूर्व वाइस चांसलर, वकील और समाज सेविका को विशेष रूप से रखा गया है।
उन्होंने कहा कि सीएम पटेल को इस समिति से अपेक्षा की है कि वह अगले 45 दिनों में एक विस्तृत रिपोर्ट सरकार के सामने पेश करें। इस रिपोर्ट में समाज के सभी वर्गों और समुदायों को ध्यान में रखते हुए, यूसीसी के प्रभाव और उसकी कार्यान्वयन की प्रक्रिया पर विशेष विचार किया जाएगा।
हर्ष संघवी ने उत्तराखंड की भाजपा सरकार द्वारा हाल ही में लागू किए यूसीसी कानून का उदाहरण भी दिया। इस कानून को उन्होंने देशभर के लिए एक आदर्श बताया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में इस कानून के लागू होने से वहां के नागरिकों को न्याय और समान अधिकार मिले हैं और यह गुजरात के लिए भी एक प्रेरणा स्रोत है।
हर्ष संघवी ने विपक्ष के उस आरोप पर भी टिप्पणी की, जिसमें विपक्ष ने कहा था कि उन्हें इस फैसले पर भरोसे में नहीं लिया गया। सिंघवी ने कहा कि विपक्ष का मुद्दा यह है कि वे राज्य के नागरिकों को भी विश्वास में नहीं लेते। जब एक समान कानून की बात आती है, तो विपक्ष के पेट में दर्द क्यों होता है, यह सवाल विपक्ष से ही पूछना चाहिए।