यह अभियान जापान फंड फॉर प्रॉस्परस एंड रेसिलिएंट एशिया एंड द पैसिफिक (जेएफपीआर) के तहत एशियाई विकास बैंक (एडीबी) के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है। दिव्यांगजनों को सहायक उपकरण वितरण का यह पहला अभियान है। यह कार्यक्रम गाजियाबाद आरआरटीएस स्टेशन पर आयोजित किया गया, जहां एनसीआरटीसी की निदेशक (वित्त) नमिता मेहरोत्रा और निदेशक (सिस्टम एंड ऑपरेशन) नवनीत कौशिक ने लगभग 130 दिव्यांगजनों को स्मार्ट केन, श्रवण यंत्र और बैसाखी वितरित किए।
इन दिव्यांगजनों के लिए यह पहल न केवल गतिशीलता और पहुंच को बढ़ावा देगी, बल्कि सशक्तिकरण और रोजगार में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। यह कार्यक्रम दिव्यांगजनों को आसानी से जीवन यापन करने और आवागमन में आसानी से आगे बढ़ाने में सहायता कर रहा है, जो इन लोगों को समाज और रोजगार में अधिक सक्रिय रूप से शामिल होने में सक्षम बनाएगा। दृष्टिबाधित यात्रियों की सहायता के लिए सभी आरआरटीएस स्टेशनों पर डेडीकेटेड रास्ते बनाए गए हैं। उन्हें प्रमुख क्षेत्रों तक पहुंचने के लिए सबसे छोटे और सबसे सहज मार्गों पर मार्गदर्शन करते हैं।
इसके अतिरिक्त, दिव्यांगजनों के लिए न केवल व्हीलचेयर बल्कि आपातकालीन स्थिति में चिकित्सा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए स्ट्रेचर के आवागमन के लिए विशेष रूप से डिजाइन की गई विशाल लिफ्ट भी लगाई गई हैं। स्टेशनों में प्रवेश और निकास द्वार पर रैंप, लिफ्ट और एस्केलेटर रणनीतिक रूप से बनाए गए हैं, ताकि भीड़ और प्लेटफ़ॉर्म लेवल्स तक उन्हें निर्बाध पहुंच प्रदान की जा सके, ताकि बुजुर्गों, बच्चों और महिलाओं सहित सभी यात्रियों के लिए एक आसान और परेशानी मुक्त यात्रा सुनिश्चित हो सके।
नमो भारत ट्रेनों में, हर कोच में महिलाओं, बुजुर्गों और दिव्यांग लोगों के लिए सीटें आरक्षित हैं। इसके अतिरिक्त यात्रियों की सहायता के लिए हर ट्रेन में एक ट्रेन अटेंडेंट तैनात किया गया है।
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